Top kahani hindi Secrets
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एक दिन, जब गोपी अपने आलीशान घर में आराम कर रहा था, बढ़िया शराब पी रहा था, उसे एक आगंतुक मिला। यह एलियास नाम का यात्री था जिसने उसे यह चमत्कार दिया था। इलियास ने अपनी आँखों में उदासी के भाव के साथ गोपी की ओर देखा।
द्रोणाचार्य और एकलव्य की कहानी
के दो पहलू होते हैं, सकारात्मक एवं नकारात्मक। अब यह हमारी सोच पर निर्भर करता है कि हम चीजों को किस रूप में देखते हैं। अच्छा जीवन जीने के लिए अपनी सोच अच्छी बनाएं। कमियां न निकालें, बल्कि जो कुछ भी हमारे पास है, उसका आनंद लें और दूसरों के प्रति सेवा भाव रखें।
रात होने पर, गधा और गीदड़ चुपचाप बगीचे में घुस गए और फिर भर पेट खाने लगे। खाते वक्त, गधे के मन में कुछ सूझा और उसने कहाँ, “ओह, इतने स्वादिष्ट खीरे और चाँद को देखो!
अकस्मात वहां एक भील जाति का शिकारी आ गया और उसने शेर पर हमला करके उसे मार भगाया।
कुछ समय बाद मदन के पिताजी उनसे मिलने शहर आए।
रामलाल की बुद्धिमत्ता और नवाचार गांव के सभी किसानों को प्रेरित करती थी। वह दिखा रहा था कि विचारशीलता और कुशलता की मदद से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है।
वह हंस हमेशा सोने का अंडा देता और पति-पत्नी उसे बेचकर पैसे कमाते। सोने के अंडे को देखकर उनके मन में लालच बढ़ने लगा और व्यापारी ने सोचा कि, अगर ये हर रोज एक सोने का अंडा देता है तो उसके अंदर और कितने अंडे होंगे। ये सोचकर उन्हें एक तरकीब आई और उन्होंने हंस को मार डाला और जब उसका पेट चीर कर देखा तो उस में एक भी अंडा नहीं था जिसके बाद वो बहुत रोए।
साधू की यह बात को सुनकर किसान को अब समझ में आ गया था अगर सच में जीवन में अमीर बनना है तो सबसे पहले हमे अपनी सोच बदलनी होगी अपने लिए तो हर कोई जीता है यदि हम दुसरो के लिए जीना शुरू करते है तो ईश्वर भी हमारी सहायता जरुर करते है
हमें आज तक इस तालाब का पता क्यों नहीं चला। काफी समय हो गया था संध्या हो चुकी थी इसलिए दोनों आपस में बात करते हुए वहां से लौट गए कि कल आकर यहां पर जाल बिछाया जाएगा। यह बाततालाब में बैठी तीन दोस्त मछलियो सुन ली। उन्होंने आपस में मंत्रणा की कि यह बात पक्की हो गई कि अगले दिन मछुआरा आकर यहां जाल बिछाएगा और हम सभी को पकड़ लेगा।
स्वतंत्रता दिवस की होने वाली परेड में सभी साथियों के साथ पूर्व अभ्यास निरंतर करता रहा और अत्यंत उत्साह से भरा हुआ था। परेड वाले दिन जब moral kahaniya वह स्कूल के लिए तैयार होने लगा तो रमेश ने अपने दादा जी को खोजा। दादाजी रमेश के साथ निरंतर विद्यालय जाया करते थे उसे पहुँचाने।
फिर कुछ दिनो बाद, कुछ लोगों ने जादुई बक्से की खबर मंत्री जी के पास पहुंचा दी। पहले तो उसे विश्वास नहीं हुआ, फिर उसने अपने विश्वस्त सेवक को बक्से की सच्चाई परखने के लिए भेजा। वहां जो उसने बक्से का जो जादू देखा तो वह मंत्री के पास जाकर सारी सच्चाई बता दी।
एक जंगल में एक लोमड़ी और सारस रहते थे। दोनों में गहरी मित्रता थी। एक दिन लोमड़ी ने सारस को देखा और वह कहने लगी, “सारस भाई, राम-राम, कैसे हो?
गीता की कहानी से यह सीख मिलती है कि मेहनत और लगन से कोई भी सपना पूरा कर सकता है। अगर हम अपने लक्ष्यों के प्रति दृढ़ निश्चयी हैं, तो हम उन्हें प्राप्त कर सकते हैं।
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